आईएसएम पटना (27 अगस्त 2022): इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के आईटी विभाग ने "एकेडमिया एवम् उद्योग के बीच की खाई को पाटना" विषय पर एक आईटी कॉन्क्लेव 2022 का आयोजन किया।
माननीय अध्यक्ष, विक्रमशीला ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, श्री समरेंद्र सिंह, आईएसएम उपाध्यक्ष, श्री देवल सिंह, सचिव, श्री अमल सिंह के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन आईएसएम के निदेशक, प्रोफेसर, डॉ आर के सिंह के द्वारा किया गया तथा साथ ही इसे पैनल चर्चा, प्रस्तुतियों और प्रदर्शनियों के लिए खुला घोषित किया गया।
सहायक प्रोफेसर श्रीमती वंदना वर्मा द्वारा प्रस्तुत स्वागत भाषण के बाद, आईटी विभाग की डोमेन लीडर श्रीमती जया कुमारी ने कॉन्क्लेव के विषय और उद्देश्य को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "कॉन्क्लेव के प्रमुख उद्दयेश आईटी में कई कैरियर आयामों के साथ-साथ उद्योगों में समकालीन रुझानों और अवसरों से छात्रों को अवगत कराना है। इस कार्यक्रम से उन्हें आईटी क्षेत्र में प्रौद्योगिकियों, मुद्दों, चुनौतियों और करियर के अवसरों के विषय में अपार जानकारी मिलने की सम्भावना है।"
इस कॉन्क्लेव में प्रख्यात शिक्षाविदों और आईटी विशेषज्ञों श्री अभिषेक आनंद, सहायक प्रोफेसर, एनआईटी पटना, श्री आशीर्वाद कुमार,अर्न्स्ट एंड यंग, बैंगलोर के लीड डेटा इंजीनियर, श्री प्रतीक सिन्हा, ईएक्सएल सर्विसेज, गुड़गांव में डेटा इंजीनियर, श्री गोपाल कृष्ण, सहायक प्रोफेसर, एनआईटी पटना, आईटी क्षेत्रों में वर्तमान तीव्र परिवर्तनों के साथ तालमेल रखने के लिए सिद्धांत से अभ्यास आधारित शिक्षा की ओर एक शिफ्ट पर जोर देने का आह्वान किया।
अपने मुख्य भाषण में, श्री अभिषेक आनंद ने आईटी क्षेत्र में पिछले दस वर्षों में हुए आमूलचूल परिवर्तनों के बारे में बात की। उन्होंने प्रतिभागियों को साइबर सुरक्षा, मैलवेयर विश्लेषण और कृषि और पावर ग्रिड क्षेत्र में आईओटी के उपयोग के बारे में जागरूक किया।
श्री आशीर्वाद कुमार ने छात्रों को भविष्य के कैरियर की संभावनाओं के रूप में डेटा विश्लेषक, डेटा वैज्ञानिक, क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में सोचने की सलाह दी। उन्होंने आईटी क्षेत्र में ग्रेड ए प्लेसमेंट प्राप्त करने के लिए एमसीएटी, हैकर रैंक, जी शॉप टेस्ट की तैयारी के लिए उन्हें जागरूक किया।
श्री प्रतीक सिन्हा ने प्रायोगिक शिक्षा पर जोर देने का आह्वान किया। उन्होंने छात्रों को ऑनलाइन उपभोग के माध्यम से प्रौद्योगिकी के ज्ञान का पता लगाने और इंटर्नशिप के माध्यम से फिर से शुरू को मजबूत बनाने और तकनीकी और संचार कौशल दोनों को समान अनुपात में बढ़ाने के लिए परामर्श दिया। उन्होंने सेवा या उत्पाद-आधारित उद्योगों में प्लेसमेंट प्राप्त करने की योजना बनाने का भी सुझाव दिया।
जबकि श्री गोपाल कृष्ण ने कहा, “शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को तभी पाटा जा सकता है जब शिक्षार्थी समाज की वर्तमान स्थिति, बाजार के रुझान, आत्म-जागरूकता और अपनी जिम्मेदारियों को समझना शुरू करेंगें । उन्हें अपने पाठ्यक्रम के हर विषय को वास्तविक जीवन की स्थिति से जोड़ना होगा ।”
इन आईटी विशेषज्ञों के अवलोकन के तहत, सहायक प्रोफेसर, आईएसएम, श्री रवि सिंह के नेतृत्व में आईटी छात्रों की एक टीम ने रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के विभिन्न मॉडलों का प्रदर्शन किया। उन्होंने लॉजिक-गेट सर्किट, बबल-सॉर्ट, वर्चुअल रियलिटी, मोबाइल ऐप और कंप्यूटिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग थ्रू गेम्स और स्किट के सिद्धांतों पर भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
अपने समापन भाषण में कार्यक्रम समन्वयक और संस्थान के नोडल प्रमुख, सहायक प्रोफेसर, श्री राजेश्वर दयाल ने गणमान्य व्यक्तियों को हार्दिक धन्यवाद देने के बाद, छात्रों को हमेशा तीन 'डब्ल्यू' क्या, क्यों और कैसे के बारे में सोचने की सलाह दी और उन्होंने कहा कि तभी वे इस प्रकार के सम्मेलनों से लाभान्वित हो सकते हैं। ये तीनों W उनके व्यक्तित्व में परिवर्तन ला सकते हैं और यह ज्ञान तथा तकनीकी कौशल की खोज का मार्ग भी प्रशस्त कर सकते हैं। इनकी मदद से वे समकालीन वैश्विक बाजार में अपनी रोजगार क्षमता बढ़ा सकते हैं।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा बीसीए चतुर्थ सेमेस्टर के प्रस्तुतकर्ताओं के सर्वश्रेष्ठ तीन टीम लीडरों में चंदन कुमार को क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रदर्शन के लिए, विशाल कुमार को ऑटोमेटेड स्ट्रीट लाइट के लिए और शुभम अरमान को वर्चुअल असिस्टेड के लिए क्रमशः तीसरे, दूसरे और प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अंततः दिन भर चलने वाले इस कार्यक्रम का समापन कॉन्क्लेव की संयोजक श्रीमती जया कुमारी द्वारा प्रस्तावित धन्यवाद प्रस्ताव के साथ किया गया।