आईएसएम पटना (09 सितंबर 2024) – प्रदेश के एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान, इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (आईएसएम), पटना, में सोमवार, 09 सितंबर को प्रथम सत्र के स्टूडेंट्स के लिए तीन दिवसीय "दीक्षारम्भ" 2024 ओरिएंटेशन प्रोग्राम का शुभारंभ किया गया। इस उदघाटन सत्र में पीजीडीएम, के स्टूडेंट्स ने भाग लिया।
उद्घाटन सत्र में आईएसएम के माननीय चेयरमैन, श्री समरेन्द्र सिंह, वाईस चेयरमैन, श्री देवल सिंह, सचिव, श्री अमल सिंह, और निदेशक डॉ. विजय बहादुर सिंह की उपस्थिति ने आईएसएम की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और शैक्षणिक उत्कृष्टता तथा व्यक्तित्व विकास के अनुकूल वातावरण बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाया।
प्रबंधन की विभागाध्यक्ष, श्रीमती पूजा दुबे, ने नए छात्र-छात्राओं का हार्दिक अभिनन्दन किया और संस्थान के मिशन, मूल्यों, और स्टूडेंट्स के समग्र विकास के लिए उपलब्ध विशेष अवसरों को उजागर किया।
उद्घाटन सत्र में शामिल प्रतिष्ठित अतिथियों का सम्मान, संस्थान के निदेशक, डॉ. विजय बहादुर सिंह द्वारा किया गया। सम्मानित अतिथियों में डॉ. ए. एम. प्रसाद, सेवानिवृत्त आईआरएस, भारत सरकार; श्री विभाष रंजन, सारिता फूड पटना के प्रबंध पार्टनर; और श्री प्रवीण एम. लाल, रिलायंस जिओ के बिहार एचआर हेड शामिल हुए।
अपने संबोधन में, डॉ. विजय बहादुर सिंह ने बदलते कॉर्पोरेट जगत की मांगों के अनुसार ढलने की आवश्यकता पर बल दिया और छात्रों को उनकी शिक्षा के प्रति एक सक्रिय दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आईएसएम पटना प्रतिभाशाली छात्रों को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह विश्वास है कि ये छात्र न सिर्फ पढ़ाई में अच्छे होंगे, बल्कि अपने पर्सनल तथा प्रोफेशनल जीवन में भी आगे बढ़ सकेंगे। वे संस्थान के अनुशासन तथा उत्कृष्ट शिक्षण पद्धति से अपने करियर में निसंदेह कौशलयुक्त उत्कृष्टता हाशिल कर पाएंगे।
ओरिएंटेशन में "रोजगार कौशल के माध्यम से कॉर्पोरेट अपेक्षाओं की पूर्ति" थीम पर एक पैनल परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें उद्योग विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने अपने विचार साझा किए। इस परिचर्चा ने छात्रों को वर्तमान कॉर्पोरेट जगत के रुझानों और इनकी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक कौशलों की गहन समझ प्रदान की।
डॉ. ए.एम. प्रसाद ने कहा कि स्टूडेंट्स अपने अनुभवी संकाय सदस्यों तथा आईएसएम पटना के सराहनीय बुनियादी ढांचे की मदद से अनुशासन के सिद्धांत, नैतिकता, अनुकूलनशीलता, सतर्कता, कभी न खत्म होने वाली जिज्ञासा और समाज के प्रति चिंता का अकादमिक जीवन में अनुपालन कर अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास कर सकते हैं।
श्री विभाष रंजन ने छात्रों को इस प्रतिष्ठित संस्थान का हिस्सा बनने पर बधाई दी और उन्हें 'क्यों' और 'कैसे', नेटवर्किंग और आकर्षण के नियम के बारे में सोचने की सलाह दी। श्री प्रवीण एम. लाल ने रोजगार कौशल के संवर्धन हेतु पांच मंत्रों अर्थात् अनुकूलनशीलता, भावना प्रबंधन, कभी न खत्म होने वाली सीखने की प्रक्रिया, खुद को आगे बढ़ाने के लिए सीखना और सही लोगों के साथ नेटवर्किंग करना पर प्रकाश डाला।
सत्र की दूसरी पाली में श्रीमती पूजा दुबे ने संस्थान के आचार संहिता की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें व्यक्तित्व संवर्धन तथा पेशेवर विकास में इसकी महत्ता पर बल दिया गया। उन्होंने अनुशासन, सत्यनिष्ठा, और सक्रिय भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया, जो एक सफल शैक्षणिक तथा नेतृत्व विकास की यात्रा को आकार देने में सहायक होते हैं।
कार्यक्रम का पहला दिन एक प्रेरणादायक फिल्म के साथ समाप्त हुआ, जिसके बाद प्रेरक शिक्षण गतिविधियाँ आयोजित की गईं। ये गतिविधियाँ आईएसएम पटना के अद्वितीय शिक्षण दृष्टिकोण का हिस्सा हैं, जो सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यावहारिक अनुभवों को दर्शाती हैं, ताकि एक समग्र शिक्षण वातावरण को बढ़ावा मिल सके।
"दीक्षारम्भ" ओरिएंटेशन प्रोग्राम अगले दो दिनों तक जारी रहेगा, जिसमें बीबीए, बीसीए, बी.कॉम, और बीजेएमसी के छात्रों की विशेष आवश्यकताओं के अनुसार सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी नए छात्रों को वह ज्ञान, कौशल, और दृष्टिकोण प्रदान करना है, जो संस्थान में तथा करियर में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं।